कम सेक्स के नुकसान: शरीर और मन पर पड़ने वाला असर

आज की तेज़-रफ़्तार जिंदगी में कई लोग अपने रिश्तों और निजी पलों को उतना समय नहीं दे पाते जितना देना चाहिए। काम का तनाव, मोबाइल और सोशल मीडिया पर ज़्यादा समय, या स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के कारण कम सेक्स की स्थिति बनने लगती है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि कम सेक्स के नुकसान सिर्फ रिश्तों तक सीमित नहीं रहते, बल्कि यह आपके पूरे सेक्स और स्वास्थ्य पर असर डालते हैं?

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1. हार्मोनल असंतुलन

नियमित यौन संबंध से शरीर में एंडोर्फिन, ऑक्सीटोसिन और डोपामाइन जैसे “हैप्पी हार्मोन” निकलते हैं, जो मूड अच्छा करते हैं।
जब सेक्स कम होता है, तो ये हार्मोन घट जाते हैं, जिससे चिड़चिड़ापन, थकान और उदासी बढ़ सकती है।
सेक्स और स्वास्थ्य के नज़रिए से, हार्मोनल बैलेंस बनाए रखना बहुत जरूरी है।

2. तनाव और चिंता बढ़ना

सेक्स एक प्राकृतिक तनाव कम करने का तरीका है।
कम सेक्स करने से कोर्टिसोल (Stress Hormone) का स्तर बढ़ सकता है, जिससे चिंता और बेचैनी महसूस होती है।
यही वजह है कि कम सेक्स के नुकसान में मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ना भी शामिल है।

3. इम्यूनिटी कमज़ोर होना

शोध बताते हैं कि जो लोग नियमित यौन संबंध रखते हैं, उनकी इम्यूनिटी बेहतर होती है।
कम सेक्स करने पर शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता घट सकती है।
इसलिए सेक्स और स्वास्थ्य का सीधा संबंध आपके इम्यून सिस्टम से है।

4. रिश्तों में दूरी

शारीरिक नज़दीकी रिश्तों में भावनात्मक जुड़ाव बढ़ाती है।
जब यह कम हो जाती है, तो आपसी संवाद कम होता है, और रिश्ते में ठंडापन आ सकता है।
यह भी कम सेक्स के नुकसान में एक बड़ा कारण है।

5. आत्मविश्वास में कमी

कम सेक्स करने से व्यक्ति खुद को कम आकर्षक या कम वांछित महसूस कर सकता है, जिससे आत्मविश्वास गिर जाता है।
सेक्स और स्वास्थ्य दोनों ही आत्मसम्मान से जुड़े हैं।

6. नींद की समस्या

सेक्स के बाद शरीर रिलैक्स होता है और नींद बेहतर आती है।
कम सेक्स करने पर नींद में खलल और थकान बढ़ सकती है।

7. हृदय स्वास्थ्य पर असर

सेक्स एक हल्के कार्डियो वर्कआउट जैसा है, जो हृदय के लिए अच्छा होता है।
कम सेक्स करने से यह फायदा नहीं मिल पाता, और हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।

कैसे सुधारें स्थिति?

  • खुलकर बात करें – पार्टनर से अपनी भावनाएं और जरूरतें साझा करें।

  • तनाव घटाएं – योग, मेडिटेशन अपनाएं।

  • समय निकालें – रिश्ते को प्राथमिकता दें।

  • स्वस्थ जीवनशैली – अच्छा आहार और व्यायाम करें।

  • डॉक्टर की मदद लें – जरूरत पड़ने पर मेडिकल सलाह लें।

FAQ – कम सेक्स के नुकसान और स्वास्थ्य पर असर

Q1: कम सेक्स से शरीर पर क्या असर होता है?

A: कम सेक्स करने से शरीर में हार्मोनल असंतुलन, इम्यूनिटी की कमजोरी, रक्त संचार में कमी और हृदय स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। साथ ही, यह ऊर्जा स्तर और आत्मविश्वास भी घटा सकता है।

Q2: कम सेक्स करने से कौन-कौन सी बीमारियां होती हैं?

A: कम सेक्स से तनाव, डिप्रेशन, हृदय रोग, नींद की समस्या, हाई ब्लड प्रेशर और मोटापा जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। लंबे समय तक यह स्थिति रहने पर मानसिक और शारीरिक दोनों स्वास्थ्य प्रभावित होते हैं।

Q3: कम सेक्स करने से मानसिक स्वास्थ्य पर असर कैसे पड़ता है?

A: कम सेक्स करने से डोपामाइन और ऑक्सीटोसिन जैसे “हैप्पी हार्मोन” कम बनने लगते हैं, जिससे चिंता, तनाव, चिड़चिड़ापन और डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याएं बढ़ सकती हैं।

Q4: शादीशुदा जिंदगी में कम सेक्स के नुकसान क्या हैं?

A: शादीशुदा जिंदगी में कम सेक्स होने से रिश्तों में दूरी, भावनात्मक जुड़ाव की कमी और गलतफहमियां बढ़ सकती हैं। समय के साथ यह वैवाहिक संतुष्टि को भी कम कर सकता है।

Q5: कम सेक्स और डिप्रेशन का संबंध क्या है?

A: कम सेक्स करने से मस्तिष्क में मूड-बूस्टिंग हार्मोन का स्तर गिर जाता है, जिससे डिप्रेशन का खतरा बढ़ जाता है। डिप्रेशन के चलते व्यक्ति की यौन इच्छा और भी कम हो सकती है, जिससे एक नकारात्मक चक्र बन जाता है।

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कितनी बार सेक्स करना चाहिए?

1. सप्ताह में 1–2 बार सेक्स — मानसिक स्वास्थ्य के लिए सबसे बेहतर

एक हालिया अध्ययन (National Health and Nutrition Examination Survey या NHANES डेटा पर आधारित) ने यह पाया है कि:

  • हफ्ते में कम से कम एक बार सेक्स करने वाले व्यक्तियों में अवसाद (depression) होने की संभावना उन लोगों से लगभग 24% कम थी, जो महीने में एक बार से भी कम सेक्स करते थे।

  • ध्यान योग्य बात यह है कि हफ़्ते में 1–2 बार सेक्स करने पर यह मानसिक सुरक्षा और भी मजबूत रही—यह सेफ ज़ोन कहा जा सकता है।

2. एक सप्ताह में एक बार — खुशहाल शादीशुदा जीवन के संकेत

Society for Personality and Social Psychology द्वारा किए गए एक बड़े सर्वेक्षण में यह पाया गया कि एक जोड़े जो सप्ताह में एक बार सेक्स करते हैं, वे सबसे खुशहाल होते हैं। इससे अधिक ग्राफ़िक फ़्रीक्वेंसी सुख और रिश्तों की संतुष्टि पर अतिरिक्त फायदा नहीं देती।

3. हृदय स्वास्थ और मृत्यु दर के लिए इष्टतम सेक्शुअल फ़्रीक्वेंसी

एक मेडिकल अध्ययन (PMC-based) ने पाया कि:

  • साल में 52 से 103 बार सेक्स करना (यानि हफ्ते में लगभग 1–2 बार) एक स्वस्‍थ्यकर सीमा मानी जा सकती है।

  • इसके इतर, बहुत कम या बहुत अधिक फ़्रीक्वेंसी, दोनों ही हृदय रोग और मृत्यु जोखिम को बढ़ा सकते हैं

4. प्राकृतिक प्रतिरक्षा और तनाव को कम करने में मददगार

अन्य अध्ययनों ने यह साबित किया है कि:

  • हफ्ते में 1–2 बार सेक्स से शरीर में immunoglobulin A (IgA) का स्तर बढ़ता है, जो इम्यूनिटी बूस्ट करता है।

  • यह तनाव कम करने वाले “हैप्पी हार्मोन्स” — जैसे कि ऑक्सीटोसिन, डोपामाइन और एंडोर्फिन — भी रिलीज़ होते हैं जो मूड और रिलैक्सेशन को बेहतर बनाते हैं।

निष्कर्ष

वैज्ञानिक साक्ष्य यह बताते हैं कि हफ़्ते में 1–2 बार सेक्स (प्रतिवर्ष लगभग 52–103 बार) व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए इष्टतम माना जाता है—इससे स्ट्रेस, अवसाद और हृदय संबंधी जोखिम कम होते हैं, साथ ही रिश्तों में संतुष्टि बनी रहती है।

अधिक सेक्स ज़रूरी नहीं—गुणवत्ता और संतोषजनक कनेक्शन का होना सबसे अहम है।

Last Updated on: 13 August 2025

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