कालरात्रि – Crime Story Episode 2 – लुटियंस के साए

आपने अभी तक पढ़ा है – Crime Thriller Story Episode 1 दरियागंज की लाश

दिल्ली की सर्द सुबह में दरियागंज की एक वीरान हवेली से शुरू हुआ खौफनाक सिलसिला, इंस्पेक्टर राघव चौहान को एक अजीबो-गरीब हत्याकांड की तह तक खींच लाया। जली हुई लाश के पास मिला काला कार्ड — “तू अगला है” — जैसे किसी छिपे हुए खेल की शुरुआत कर रहा था।

बैंक मैनेजर अविनाश मलिक की मौत के बाद एक और शव मंडी हाउस में कार में मिला — अरुण खन्ना नामक रियल एस्टेट एजेंट। दोनों मामलों में एक समान चीज़ थी — ब्लैक नोट, चेतावनी देता, रहस्य में डूबा हुआ। दूसरे कार्ड पर एक कोड भी था: KX/1091

एपिसोड के अंत में राघव को भी ऐसा ही एक नोट मिला — “तू अगला है — राघव”। अब केस महज़ एक इन्वेस्टिगेशन नहीं रहा… ये उसका निजी युद्ध बन चुका था।

अभी तक आप ये एपिसोड 1 में पढ़ चुके हैं | Delhi Crime का अगला भाग पढ़ें —

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कहानी आगे जारी है…

दिल्ली पुलिस मुख्यालय की इमारत के बाहर धुंध तैर रही थी। रात के दो बज रहे थे, लेकिन इंस्पेक्टर राघव की आँखों में नींद नहीं थी। उसके सामने रखा था वो काला कार्ड, जिस पर उसके नाम की मौत लिखी थी। Crime in City Was rising. 

डॉ. अनामिका ने राघव के साथ पूरी रात बिताई — ना सिर्फ एक सलाहकार के तौर पर, बल्कि जैसे कोई पुरानी, भूली हुई साझेदारी धीरे-धीरे फिर से जाग रही हो।

“राघव,” अनामिका ने कॉफी का मग रखते हुए कहा, “इस हत्यारे को लगता है कि वो तुझे जानता है। और ये कोड… KX/1091… ये कोई लोकेशन कोड या केस फ़ाइल हो सकता है।”

राघव ने सर उठाया — “KX… ये कोड मैंने पहले भी कहीं देखा है… लुटियंस ज़ोन में कोई सरकारी कोठी का कोड था शायद। मुझे पुराने केस फाइल्स चेक करने होंगे।”

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Read कालरात्रि – Crime Story Episode 1 – दरियागंज की लाश

क्राइम ब्रांच की डिजिटल आर्काइव से उस रात एक पुराना केस खोला गया:

“कालरात्रि फाइल – 2012”

तीन हत्या…
हर बार ब्लैक नोट…
मर्डर का कोई मोटिव नहीं…

अंतिम शिकार था डीसीपी किरण माथुर — जो राघव के पहले मेंटर थे। Crime Thriller Story In Hindi

राघव की उंगलियाँ फाइल पर ठिठक गईं।

KX/1091 – वही कोड किरण माथुर की मौत के पास मिले नोट पर था।

“ये तो…” राघव फुसफुसाया, “मतलब ये कोई नया हत्यारा नहीं… वही लौट आया है।” 

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लुटियंस दिल्ली की एक परित्यक्त सरकारी कोठी

KX/1091 को ट्रेस करने पर पता चला कि यह कोड लुटियंस दिल्ली की एक परित्यक्त सरकारी कोठी का है — जो 2012 से खाली पड़ी है।

सुबह 7 बजे, राघव और अनामिका उस कोठी पर पहुंचे।

कोठी के अंदर एक भारी सन्नाटा पसरा था। दीवारों पर दरारें थीं, और फर्श पर धूल की मोटी परत। लेकिन ड्रॉइंग रूम के बीच में एक टेबल पर रखा था कुछ चौंकाने वाला:

  • तीन ब्लैक नोट

  • एक पुराना टेप रिकॉर्डर

  • और दीवार पर लाल रंग से लिखा एक वाक्य:

यादें लौटती हैं… जब उन्हें खत्म नहीं किया जाता।

राघव ने टेप चलाया।

“तू सोचता है कि तू बचा था। पर तुझे सिर्फ छोड़ दिया गया था… अब वक्त है, तेरे पापों के हिसाब का।”

अनामिका काँप गई। “ये कोई आम साइको नहीं है, राघव। ये… ये तुझसे पर्सनल है।” 

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अनामिका सोच

अनामिका जानना चाहती थी कि 2012 में क्या हुआ था — लेकिन राघव चुप रहा। मगर अब उसे बताना ही था।

“2012 में,” राघव ने भारी आवाज़ में शुरू किया, “हमारा ऑपरेशन था — शैडो। एक एक्सपेरिमेंटल प्रोजेक्ट — जिसमें कुछ खास अपराधियों को मानसिक व्यवहार के आधार पर ‘रि-कंडीशन’ किया जा रहा था। उन्हें जेल नहीं, एक गुप्त स्थान पर रखा गया था, जहां मनोवैज्ञानिक प्रयोग किए जाते थे।”

अनामिका चौंक गई, “ये सब पुलिस की निगरानी में हुआ था?”

“हां, लेकिन कुछ गलत हो गया। एक सब्जेक्ट — X-91 — पूरी तरह बेकाबू हो गया था। हमने ऑपरेशन बंद कर दिया। लेकिन… शायद वो अब लौट आया है — बदले के लिए।”

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उसी दिन रात को राघव को एक कॉल आया —
“अगर तू चाहता है कि अनामिका जिंदा रहे, तो अकेला आ — उसी कोठी में। आधी रात।”

राघव दौड़ पड़ा। जब वो कोठी पहुँचा, तो दरवाज़ा खुला था… अंदर अंधेरा… और एक रेकॉर्डर बज रहा था:

“हर रिश्ता कमजोर होता है, जब वो गुनाह में जन्म लेता है। राघव, अनामिका तुझे उसी केस के दौरान मिली थी ना?”

राघव की सांसें थम गईं।
“ये… कैसे जानता है?”

दीवार पर अब एक नई तस्वीर चिपकी थी —
अनामिका और राघव — ऑपरेशन शैडो की मीटिंग में।

उसके ठीक नीचे — एक ब्लैक कार्ड:

“अनामिका अब शिकार है।”

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अगली सुबह, एक और हत्या — इस बार वसंत विहार में — एक साइकेट्रिक डॉक्टर डॉ. समीर चौटाला की। मौत के पास मिला कोड: SHD/13

और ब्लैक कार्ड पर लिखा था:

“जो उन्हें ठीक करते हैं, वो खुद सबसे बीमार होते हैं।”

अब ये साफ़ हो गया कि हत्यारा सिर्फ पुलिस से नहीं, मनोवैज्ञानिकों से भी जुड़ा हुआ है। ऑपरेशन शैडो का हर सदस्य खतरे में है।

हाथ में यूएसबी ड्राइव लिए दिल्ली पुलिस
हाथ में यूएसबी ड्राइव लिए दिल्ली पुलिस

शाम को राघव को एक और कार्ड मिला — इस बार एक USB ड्राइव के साथ।

ड्राइव में एक वीडियो था —

अनामिका को बंधक बना लिया गया था
उसकी आंखों पर पट्टी, और पीछे वही आवाज़ —
“अगर राघव बचाना चाहता है, तो उसे वो कबूल करना होगा — जो उसने 13 साल पहले छुपाया था।”

राघव के चेहरे पर तनाव साफ़ था।
अनामिका की चीखें…
और दीवार पर लिखा एक अंतिम संदेश:

“अब तेरा सच तुझे नंगा करेगा, इंस्पेक्टर।”

🔍 क्या राघव खुद एक गुनहगार है?

ऑपरेशन शैडो में क्या गलत हुआ था?

क्या अनामिका जिंदा बचेगी?

ब्लैक नोट हत्यारा कौन है?

🔜 आखिरी एपिसोड में जानिए सच्चाई: “कालरात्रि की अंतिम घड़ी”

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